शनिवार, 27 दिसंबर 2008

भाई हो तो ऐसा

(पिछले भाग से आगे)
ओह! हाँ मुझे बहुत अच्छा लगेगा. कार मैं थोडी देर चुपचाप बैठने के बाद लड़का मुड़ा और चमकती आंखों के साथ बोला, ' क्या आप मेरे घर तक चलेंगे. पाल थोड़ा सा मुस्कुराया. उसे लगा कि वह लड़के की मंशा पूरी तरह समझ गया है. वह अपने पड़ोसियों को यह दिखाना चाहता होगा कि वह इतनी शानदार कार से घर आ सकता है. लेकिन इस बार फ़िर पाल का अंदाजा ग़लत निकला. लड़के ने कहा, 'क्या आप वहां रुकेंगे जहाँ दो सीढियाँ है. वह सीढियों से उंदर गया. थोड़ी देर बाद पाल को उसके आने की आवाज़ सुनाई दी. लेकिन वह धीरे-धीरे आ रहा था. उसकी गोद में उसका छोटा अपाहिज भाई था, उसने अपने भाई को नीचे सीढियों पर बैठाया और फ़िर कार की तरफ़ इशारा किया.
देखो उस कार को उस आदमी के भाई ने क्रिसमस पर उसे तोहफे में दी है और उसे इसके लिए एक पैसा भी खर्च नहीं करने पड़े. किसी दिन में भी तुम्हें इसी तरह की कार दूंगा.तब तुम ख़ुद दुकानों की खिड़कियों में रखी उन सुंदर चीजों को देख सकोगे जिनके बारे में मैंने तुम्हें बताया था. पाल कार से उतरा और उसने उस अपाहिज लड़के को उठाकर अपनी कार की आगे वाली सीट पर बैठा लिया. चमकती आंखों वाला उसका बड़ा भाई भी उसके पास आकर बैठ गया. उस दिन उन तीनों ने यादगार सैर की. पाल को पहली बार इस बार-बार सुने हुए दर्शन का सही अर्थ समझ आया कि 'देने वाला ज्यदा भाग्यवान होता है.
- संकलित

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