सोमवार, 21 सितंबर 2009

प्रणव पर हमले की योजना थी

कोलकाता : वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी माओवादियों के निशाने पर हैं. रविवार को बहरमपुर में माओवादियों के परचे मिले. परचे में लिखा गया है कि 30 अगस्त को मुर्शिदाबाद में हुए बारूदी सुरंग विस्फोट के निशाने पर प्रणव ही थे. इसमें कहा गया है ‘‘ हमारा टारगेट 34 नंबर नेशनल हाइ-वे को उड़ाना नहीं था. हम कुछ लोगों को सबक सिखाना चाहते थे’’. परचे बहरमपुर प्रेस क्लब में मिले. परचे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( माओवादी) के लेटर पैड पर छपे हैं. इसमें माओवादियों ने 30 अगस्त को एनएच 34 पर हुए बारूदी सुरंग विस्फोट की जिम्मेदारी ली है. माओवादियों ने कहा है प्रणव मुखर्जी क्या सोचते हैं. मुर्शिदाबाद आकर यहां के लोगों से लुभावनी बातें कहेंगे और सारा दोष माकपा के मत्थे मढ़ कर अपना पल्ला झाड़ लेंगे. उनका यह सोच बिल्कुल गलत है. हम चुप नहीं बैठेंगे. हम सबक सिखा कर ही दम लेंगे. माओवादियों की तरफ से प्रणव मुखर्जी को संबोधित कर लिखे गये इन परचों के मिलने के बाद मुर्शिदाबाद जिला पुलिस के आला अधिकारी सकते में हैं.नये सिरे से जांच शुरू30 अगस्त को हुए लैंड माइन ब्लास्ट की नये सिरे से जांच की जा रही है. माओवादियों ने विस्फोट में भाकपा ( माओवादी) के सदस्य कॉमरेड सुरजीत के मारे जाने व कॉमरेड शंकू दलुई के घायल होने के बारे में भी लिखा है.मुर्शिदाबाद में ही थे प्रणव पुलिस के मुताबिक, 30 अगस्त को केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी मुर्शिदाबाद में ही थे. हो सकता है परचे में लिखी बात सच हो और प्रणव मुखर्जी माओवादियों के निशाने पर रहे हों. उल्लेखनीय है कि 30 अगस्त को दोपहर में मुर्शिदाबाद से जुड़े एनएच पर बारूदी सुरंग विस्फोट हुआ था. इससे एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी. शंकू दलुई नामक एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ था.30 से ही लापता सुरजीतजांच में पता चला था कि 30 अगस्त की सुबह से ही बहरमपुर इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्र सुरजीत भी लापता है. हो सकता है परचे में किये गये दावे के मुताबिक विस्फोट में मारा गया युवक सचमुच में सुरजीत हो. हालांकि सुरजीत के पिता ने शव देख कर उसे पहचानने से इनकार कर दिया था. शव सुरजीत का है या नहीं, इसकी जांच के लिए पुलिस शव का डीएनए जांच करायेगी. शंकू से भी पूछताछ जारी है.

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